डाकू ललिल पटेल की पूरी कहानी, Daku Lalit Patel ki kahani

Share:
एक ऐसा डकैत जिसने अपनी बीबी की वेवफाई के कारण जंगलों का दामन थामा। एक ऐसा डकैत जो अपने मुखबिरों की नृशंस हत्या करता था एक ऐसा डकैत जिसने एक साथ तीन लोगों को पेड़ों में टांगकर आग लगा दी थी। एक ऐसा डकैत जिसकी दुश्मनी सबसे शातिर डाकू से थी। एक ऐसा डकैत जिसने देखते ही देखते पाठा के जंगलों तबाही मचा दी। एक ऐसा डकैत जिसके खौफ की वजह से कई गांवों के घरों में ताले लटक चुके थे। एक ऐसा डकैत जिसके मौसेरे भाई ने जुर्म की दुनिया की दुनिया में बादशाहत बना रखी थी। अब तक आपने पाठा क्षेत्र के कई डाकुओं की कहानी सुनी होगी चाहे वह शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ हो या अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया चाहे वह घनश्याम केवट हो या राजा रगौली हो चाहे वह बुद्दा नाई हो या सुदेश पटेल उर्फ बलखड़िया हो। लेकिन आज की कहानी इनसे भी दुर्दांत दुस्साहसी खूंखार डाकु की कहानी है जी हां हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड के सबसे दुस्साहसी डकैत ललित पटेल की। आपको बताएंगे कि कैसे एक किसान का बेटा हथियार उठाकर जंगलों में जाने के लिए मजबूर हुआ आपको ये भी बताएंगे कि कैसे वही नवजवान बेटा देखते ही देखते जरायम कि दुनिया का बादशाह बन गया।

बचपन से ही तेज स्वभाव का था ललित पटेल

मध्य प्रदेश के सतना जिले का एक गांव है मैनहाई। इसी गांव में ललित पटेल का जन्म हुआ था। घर में तीन भाई और 5 बहनें थीं। बचपन में ललित का स्वभाव आम बच्चों की तरह ही था लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ तो वह गुस्सैल स्वभाव का बनता चला गया। बाद में ललित पटेल अपने पिता के साथ अपने ननिहाल पौसलहा में जाकर रहने लगा। वहां सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। फिर ललित के पिता ने उसकी शादी करा दी। लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद अचानक ललित की पत्नी उसे छोड़ कर चली गई। बीबी के छोड़कर जाने की सबसे बड़ी वजह ये थी कि ललित बहुत ज्यादा गुस्सैल स्वभाव का था। छोटी छोटी बातों पर वह बीवी के साथ मारपीट करने लगता था। इसी परेशानी से तंग आकर एक दिन उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई। 

ललित पटेल daku lalit patel

क्या नेहरू की वजह से भारत को नहीं मिला था वीटो पॉवर

मुंबई में हुआ था विवाद

बीबी के जाने के बाद ललित अब काफी उदास सा रहने लगा था। फिर कई महीनों के बाद वह मुंबई चला गया और वहां पान की दुकान चलाने लगा। मुबंई जाकर भी उसके स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। चिड़चिड़ा और गु्स्सैल स्वभाव के चलते ललित का मुंबई में कुछ लोगों से छोटी-छोटी बात पर झगड़ा हो जाता था। लिहाजा कुछ दिनों तक मुंबई में रहने के बाद वह वापस अपने ननिहाल पौसलहा आ गया। वापस आने के बाद ललित के एक अन्य भाई नंदी उर्फ नंदकिशोर की पत्नी भी उसे छोड़कर चली गई। दोनों भाइयों की पत्नियों के जाने के बाद गांव वाले ललित और उसके भाई को ताने देने लगे। यह बात ललित को बेहद बुरी लगी। 

ठोकिया पटेल की मौसी का लड़का था ललित पटेल

ललित पटेल UPSTF के हाथों एनकाउंटर में मारे जा चुके दस्यु सरगना अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया उर्फ डॉक्टर की मौसी का लड़का था। लिहाजा उसे अपराध की दुनिया के थोड़ी बहुत गुण विरासत में मिले थे। लोगों के चिढाने के बाद उसने एक व्यक्ति के साथ मारपीट की और जंगलों में डाकू बनकर कूद गया। फरार होने के बाद वह राजा ठाकुर गैंग के संपर्क में आया था उसके गैंगे में आते ही उसे पाठा के जंगल और डकैतों की दुनिया खूब रास आने लगी । 

जानिए बांदा जिले के कॉलिंजर किला के बारे में

अपराधों का सिलसिला

राजा ठाकुर के गैंग में रहकर ललित पटेल ने सबसे पहली वारदात शिवरामपुर के दो भेड़ पालक भाइयों का अपहरण करके की। बाद में उसने फिरौती लेकर दोनों को छोड़ दिया। इस वारदात के बाद ललित ने अपराध की दुनिया में पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपराध दर अपराध करता चला गया। फिर कुछ दिनों बाद राजा ठाकुर को उसकी गंदी हरकतों की वजह से ग्रामीणों ने योजनाबद्ध तरीके से घेरकर उसकी हत्या करदी और शव को जंगल में फेंक दिया। सरदार राजा ठाकुर की मौत के बाद ललित पटेल ने गिरोह की कमान संभाल ली। ललित पटेल ने गिरोह की कमान संभालने के बाद मौसेरे भाई की स्टाइल में वारदात करनी शुरु की। एक के बाद एक उसने कई वारदातें की तो पुलिस की निगाह में गया। 


तंदूर हत्याकांड़ की पूरी कहानी

दूसरे डकैत से मोल ली दुश्मनी

ललित के अलावा इन दिनों पाठा के बीहड़ो में बबली कोल गोप्पा यादव जैसे कई गैंग सक्रिय थे। इस बीच गोप्पा यादव गैंग और ललित पटेल के गैंग बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया दोनों गैंग एक दूसरे को मारने की फिराक में लगे रहते थे। फिर ललित पटेल ने बबली कोल से हाथ मिला लिया दोनों गैंग एक दूसरे की मदद करने लगे। बताया जाता है कि ललित ने पहले एक बैंक कर्मचारी को धमकाया था और रंगदारी मांगी थी। फिर 14 जनवरी 2017 को जानकीशरण गोड़ नामक एक युवक का अपहरण किया। इसके बाद इसने जुगुलपुर गांव से एक डॉक्टर को अगवा कर फिरौती वसूली थी। खरहा के तत्तकालीन सरपंच ललित किशोर पटेल व टेढ़ी गांव के तत्कालीन सरपंच जीतू पटेल से रंगदारी मांगी थी। 

डाकू ठोकिया पटेल की पूरी कहानी

की तीन लोगों की निर्मम हत्या

फिर एक दिन ललित पटेल ने थरपहाड़ में एक ऐसी वारदात को अंजाम दिया जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता दरअसल हुआ यूं कि थरपहाड़ क्षेत्र के तीन लोग ऐसे थे जो ललित पटेल की मुखबिरी डाकू गोप्पा यादव से कर रहे थे डाकू गोप्पा दिन रात ललित को मारने की तलाश में रहता था। फिर 30 जून 2017 को थर पहाड़ निवासी मुन्ना यादव सहित 3 लोगों का दस्यु ललित पटेल ने अपहरण कर लिया और उन्हें जंगल ले गया था। ललित पटेल उसी रात इन तीनों लोगों को बांदा-चित्रकूट के कोल्हुआ जंगल में ले गया सभी के साथ कई घंटों तक मारपीट की। जब मारपीट करके थक गए तब सभी डाकुओं ने तीनों लोगों को पेड़ में टांग दिया और नीचे से आग लगा दी। इस घटना के बाद मृतक मुन्ना यादव के भाई पप्पू यादव ने बताया कि एक महीने पहले दस्यु गोप्पा यादव और दस्यु ललित पटेल के बीच गैंगवार हुई थी, डकैत ललित को शक था कि गोप्पा यादव इन तीनों का मददगार है। गोप्पा को सबक सिखाने के लिए उसने तीनों का अपहरण कर उन्हें जिंदा जलाया दिया। ये घटना यूपी और एमपी के अखबारों में छा गई पुलिस को आदेश मिला कि किसी भी हालत में डाकू ललित पटेल को जिंदा या मुर्दा चाहिए अब पुलिस ने ललित पटेल का इनाम बढाकर 1 लाख 40 हजार कर दिया।

दस्यु सुंदरी साधना पटेल की पूरी कहानी

हुआ अपराध का अंत

फिर 8 अगस्त 2017 को सतना पुलिस को नयागांव थानाक्षेत्र के पोखरवार के जंगलों में डकैतों की मौजूदगी की सटीक खबर मिली । जिसके बाद करीब 50 सशस्त्र जवानों की टीम के साथ मौके पर पहुंची पुलिस ने डकैतों को घेर लिया। पुलिस ने डकैतों को सरेंडर के लिये कहा लेकिन डकैतों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। करीब एक घंटे चली मुठभेड़ में डकैत सरगना ललित पटेल ढेर हो गया। सरगना के मारे जाने के बाद गिरोह के अन्य सदस्य अंधेरे का फायदा उठाकर फरार होने में कामयाब हो गये। खैर आप डाकू ललित पटेल के बारे में क्या सोंचते हैं हमें कमेंट में जरूर बताइएगा। 

No comments